सकट चौथ, जिसे संकष्टी चतुर्थी या तिलकुटा चौथ भी कहा जाता है, 17 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है, और व्रत रखने से संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली की प्राप्ति होती है। सकट चौथ विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाई जाती है, जहां माताएं अपनी संतान की भलाई के लिए उपवास करती हैं। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा भी है।

प्रश्न: सकट चौथ 2025 में कब है?

उत्तर: 17 जनवरी 2025 को।

प्रश्न: सकट चौथ का व्रत क्यों रखा जाता है?

उत्तर: यह व्रत भगवान गणेश की उपासना के लिए रखा जाता है, जिससे संतान की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली प्राप्त होती है।

प्रश्न: सकट चौथ 2025 में चतुर्थी तिथि का समय क्या है?

उत्तर: चतुर्थी तिथि 17 जनवरी 2025 को सुबह 4:06 बजे से शुरू होकर 18 जनवरी 2025 को सुबह 5:30 बजे समाप्त होगी।

प्रश्न: सकट चौथ के दिन चंद्रोदय का समय क्या है?

उत्तर: रात 9:09 बजे।

प्रश्न: सकट चौथ की पूजा विधि क्या है?

उत्तर:

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. लाल कपड़े से सजी चौकी पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
  3. गणेश जी को तिल, गुड़, फूल, धूप-दीप अर्पित करें।
  4. संकष्टी चतुर्थी व्रत का संकल्प लें।
  5. शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करें।

प्रश्न: सकट चौथ का महत्व क्या है?

उत्तर: इस व्रत से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के संकट दूर होते हैं और संतान की रक्षा होती है।

प्रश्न: सकट चौथ के अन्य नाम क्या हैं?

उत्तर: इसे तिलकुटा चौथ, माघी चौथ, वक्रतुण्ड चतुर्थी भी कहा जाता है।

प्रश्न: इस दिन तिल का क्या महत्व है?

उत्तर: तिल के लड्डू या तिलकुट का भोग लगाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं, और तिल का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

प्रश्न: क्या सकट चौथ का व्रत केवल महिलाएं रखती हैं?

उत्तर: मुख्य रूप से महिलाएं संतान की भलाई के लिए यह व्रत रखती हैं, लेकिन पुरुष भी इसे कर सकते हैं।

प्रश्न: क्या इस दिन चंद्रमा की पूजा आवश्यक है?

उत्तर: हां, चंद्रमा को अर्घ्य देने से व्रत पूर्ण होता है और विशेष फल की प्राप्ति होती है।

प्रश्न: सकट चौथ के दिन कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

उत्तर: “ॐ गं गणपतये नमः” मंत्र का जाप शुभ माना जाता है।

प्रश्न: क्या सकट चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है?

उत्तर: हां, इस व्रत में जल का सेवन नहीं किया जाता, लेकिन स्वास्थ्य के अनुसार निर्णय लेना उचित है।

प्रश्न: क्या सकट चौथ का व्रत हर वर्ष एक ही तिथि को होता है?

उत्तर: नहीं, यह व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है, जो हर वर्ष बदल सकती है।

प्रश्न: क्या सकट चौथ का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है?

उत्तर: हां, मान्यता है कि इस व्रत से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

प्रश्न: क्या सकट चौथ का व्रत केवल हिंदू धर्म में मनाया जाता है?

उत्तर: हां, यह व्रत मुख्य रूप से हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाया जाता है।

प्रश्न: क्या सकट चौथ के दिन विशेष भोजन बनता है?

उत्तर: हां, तिल और गुड़ से बने लड्डू या मिठाई का भोग लगाया जाता है।

प्रश्न: क्या सकट चौथ का व्रत करने से सभी कष्ट दूर होते हैं?

उत्तर: मान्यता है कि भगवान गणेश की कृपा से सभी कष्ट दूर होते हैं।

प्रश्न: क्या सकट चौथ का व्रत करने से धन लाभ होता है?

उत्तर: यह व्रत मुख्य रूप से संतान की भलाई के लिए होता है, लेकिन भगवान गणेश की कृपा से समृद्धि भी मिलती है।

प्रश्न: क्या सकट चौथ का व्रत करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं?

उत्तर: भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, उनकी उपासना से सभी बाधाएं दूर होती हैं।

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