27 जनवरी 2025 को मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत (सोम प्रदोष) का शुभ संयोग है, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन भक्तजन व्रत रखकर और विशेष पूजा-अर्चना के माध्यम से भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, जबकि प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस वर्ष यह दुर्लभ संयोग भक्तों के लिए विशेष फलदायी होगा।
प्रश्न: मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का महत्व क्या है?
उत्तर: मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत भगवान शिव की उपासना के प्रमुख दिन हैं। इन व्रतों के पालन से भक्तों के समस्त पापों का नाश होता है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेषकर जब ये दोनों व्रत एक ही दिन पड़ते हैं, तो उनका महत्व और भी बढ़ जाता है।
प्रश्न: इन व्रतों की पूजा विधि क्या है?
उत्तर:
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव के मंदिर में जाकर या घर पर शिवलिंग की स्थापना कर पूजा करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
- बिल्वपत्र, धतूरा, आक के फूल, चंदन, अक्षत, और धूप-दीप अर्पित करें।
- शिव चालीसा, रुद्राष्टक, या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- रात्रि जागरण कर शिव भजन और कीर्तन करें।
- अगले दिन प्रातःकाल ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
प्रश्न: इन व्रतों के पालन से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत के पालन से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन के समस्त कष्ट दूर होते हैं, पापों का नाश होता है, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेषकर जब ये दोनों व्रत एक ही दिन पड़ते हैं, तो उनका महत्व और भी बढ़ जाता है।
27 जनवरी 2025 को इन व्रतों का पालन श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होगी, जिससे जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का वास होगा।
No comment