एक महीने में एक पूर्णिमा आती है पूर्णिमा के दिन चाँद की काया देखने लायक होती है। क्योंकि इस दिन दिन पूरा चाँद निकलता है। पूर्णिमा शुक्ल पक्ष का आखिरी दिन होता है इसके बाद कृष्ण पक्ष शुरू हो जाता है। पूर्णिमा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है कई लोग तो इस दिन व्रत भी करते हैं क्योंकि पूर्णिमा का व्रत रखना बहुत ही ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इस व्रत को रखने से व्यक्ति अपनी बहुत सी मनोइच्छाओं की पूर्ति कर सकता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको पूर्णिमा का व्रत रखने के क्या फायदे होते हैं और किस तरीके से पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
ऐसे करें पूर्णिमा व्रत (व्रत रखने की विधि)
- पूर्णिमा के व्रत वाले दिन सुबह समय से उठकर तैयार हो जाएँ। घर में यदि गंगाजल है तो आप नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाएं ऐसा करने से वह पवित्र हो जाता है और व्रत के दिन पवित्र जल में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।
- उसके बाद मंदिर साफ करके मंदिर में भगवान नारायण और माँ लक्ष्मी की पूजा करें।
- पूजा में उन्हें रोली, मौली, चन्दन, अक्षत, फूल, फल आदि अर्पित करें।
- उसके बाद व्रत कथा पड़ें और आरती करे।
- वैसे तो दिन भर में आप फलाहार का सेवन कर सकते है लेकिन व्रत खोलने के लिए आपको चाँद का इंतज़ार करना पड़ता है उसके बाद जब चाँद निकल जाता है तो चाँद को अर्ध्य देने के बाद आप व्रत खोल सकते हैं।
पूर्णिमा का व्रत रखने के फायदे
जो कोई भी पूर्णिमा का व्रत रखना है उसे बहुत से फायदे मिलते हैं साथ ही आप अपने मन की किसी इच्छा की पूर्ति को लेकर भी पूर्णिमा का व्रत रख सकते हैं। तो आइये अब जानते हैं की पूर्णिमा का व्रत रखने से कौन कौन से फायदे मिलते हैं।
चन्द्रमा मजबूत होता है
कई लोगो की कुंडली में चद्र्मा की स्थिति कमजोर होती है या फिर कुंडली में चंद्र दोष होता है। ऐसे में लोग यदि पूर्णिमा का व्रत रखते हैं तो ऐसा करने से उन्हें कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलती है। साथ ही चंद्र दोष से निजात पाने में भी मदद मिलती है।
मानसिक रूप से होते हैं मजबूत
कई लोग मानसिक रूप से परेशान रहते हैं, हमेशा किसी न किसी बात को लेकर चिंता करते रहते हैं, बहुत ज्यादा डरते हैं, किसी बात का निर्णय नहीं ले पाते हैं। तो उन लोगो के लिए पूर्णिमा का व्रत बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि पूर्णिमा का व्रत रखने से व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत होने में मदद मिलती है।
वैवाहिक जीवन होता है बेहतर
बहुत बार ऐसा होता है की वैवाहिक जीवन में कलेश रहता है, आप वैवाहिक जीवन के सुख का अनुभव नहीं कर पाते हैं तो ऐसे लोगो के लिए भी पूर्णिमा का व्रत करना बहुत अच्छा माना गया है। क्योंकि पूर्णिमा का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन को बेहतर करने में मदद मिलती है।
पारिवारिक कलह से मिलता है छुटकारा
यदि आपके घर परिवार में हमेशा नेगेटिव एनर्जी बनी रहती है पारिवारिक कलह होता रहता है तो आपको पूर्णिमा का व्रत जरूर करना चाहिए। क्योंकि पूर्णिमा का व्रत करने से घर की नेगेटिविटी को दूर करने में मदद मिलती है घर के सदस्यों के बीच प्यार प्रेम की भावना बनी रहती है।
किस पूर्णिमा से शुरू करें यह व्रत?
वैसे तो सालभर में बारह पूर्णिमा आती हैं और आप किसी भी पूर्णिमा से व्रत शुरू कर सकते हैं। लेकिन सनातन धर्म में चैत्र पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व बताया गया है। चैत्र हिंदी वर्ष का प्रथम मास होता है इसीलिए इसे चंद्रमास भी कहा जाता है। और चैत्र मास में आने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा भी कहा जाता है। यह पूर्णिमा बहुत ही भाग्यशाली मानी जाती है इसीलिए चैत्र पूर्णिमा पर पूर्णिमा के व्रत की शुरुआत करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
तो यह हैं पूर्णिमा व्रत करने की विधि व् इस व्रत को रखने के फायदे, यदि आप भी अपनी किसी मनोइच्छा को लेकर इस व्रत को करना चाहते हैं तो आप भी कर सकते हैं। इसके अलावा व्रत के दिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए की दान पुण्य जरूर करें क्योंकि पूर्णिमा और अमावस्या का दिन दान पुण्य करने के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
Purnima vrat kaise kiya jata hai