Items Placed in the Foundation During House Construction
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भारतीय वास्तुशास्त्र और परंपराओं में गृह निर्माण के दौरान नींव (फाउंडेशन) में विशेष सामग्रियाँ और वस्तुएँ रखने का महत्व होता है। यह प्रक्रिया शुभता, समृद्धि, और सुरक्षा की दृष्टि से की जाती है। नीचे कुछ प्रमुख वस्तुओं और सामग्रियों की सूची दी गई है, जिन्हें आमतौर पर नींव में रखा जाता है:
1. भूमिपूजन और नींव पूजन
नींव की खुदाई से पहले भूमिपूजन और नींव पूजन का आयोजन किया जाता है। इस पूजा में भगवान गणेश, वास्तुदेवता, और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। इसके बाद नींव पूजन होता है जिसमें विशेष मंत्रों का उच्चारण और हवन किया जाता है।
2. धातुएँ
नींव में विभिन्न धातुओं को रखने की परंपरा है। यह धातुएँ शुभता और सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक मानी जाती हैं।
- सोना (गोल्ड)
- चाँदी (सिल्वर)
- तांबा (कॉपर)
- पीतल (ब्रास)
- लोहा (आयरन)
3. नौग्रह यंत्र
नौग्रहों की कृपा प्राप्त करने और उनकी शांति के लिए नौग्रह यंत्र नींव में रखा जाता है। इसमें सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, और केतु के यंत्र होते हैं।
4. स्वस्तिक और श्रीयंत्र
स्वस्तिक और श्रीयंत्र को शुभ और मंगलकारी माना जाता है। इन्हें नींव में रखने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
5. अन्न और धान्य
नींव में विभिन्न प्रकार के अन्न और धान्य जैसे गेहूं, चावल, मूंग, तिल आदि रखना शुभ माना जाता है। यह घर में अन्न-धन की वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक है।
6. पंचरत्न (पांच रत्न)
पंचरत्न, अर्थात् पाँच प्रमुख रत्न, जो शुभ माने जाते हैं, नींव में रखे जाते हैं। ये रत्न हैं:
- हीरा (डायमंड)
- माणिक्य (रूबी)
- पन्ना (एमराल्ड)
- मोती (पर्ल)
- नीलम (सैफायर)
7. जल और पंचामृत
शुद्ध जल और पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) का छिड़काव नींव में किया जाता है। यह शुद्धिकरण और पवित्रता के प्रतीक हैं।
8. तुलसी और अन्य पवित्र पौधे
तुलसी के पत्ते और अन्य पवित्र पौधों की पत्तियाँ नींव में रखी जाती हैं। यह स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रतीक होते हैं।
9. कौड़ी और गोमती चक्र
कौड़ी और गोमती चक्र को भी नींव में रखना शुभ माना जाता है। यह वित्तीय स्थिरता और संपत्ति की सुरक्षा का प्रतीक है।
10. सिक्के
धातु के सिक्के, विशेषकर तांबे या चांदी के, नींव में रखे जाते हैं। यह धन और समृद्धि के प्रतीक होते हैं।
नींव पूजन की प्रक्रिया
- भूमिपूजन: सबसे पहले भूमिपूजन किया जाता है, जिसमें भूमि की देवी की पूजा की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए हवन और मंत्रोच्चारण किया जाता है।
- नवग्रह पूजा: नवग्रहों की शांति के लिए नवग्रह पूजा की जाती है।
- वास्तु पूजा: वास्तु देवता की पूजा की जाती है ताकि निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए और घर में शांति और समृद्धि बनी रहे।
- नींव पूजन: नींव पूजन के दौरान उपरोक्त सभी सामग्रियों को विधिपूर्वक नींव में रखा जाता है और मंत्रोच्चारण के साथ हवन किया जाता है।
निष्कर्ष
नींव में विभिन्न शुभ वस्तुओं को रखने का मुख्य उद्देश्य घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख-शांति, और समृद्धि को बनाए रखना है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और भारतीय वास्तुशास्त्र में इसका विशेष महत्व है। इन सामग्रियों को नींव में रखने से यह विश्वास होता है कि घर में देवी-देवताओं की कृपा बनी रहेगी और सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से बचाव होगा।
गृह निर्माण में इन परंपराओं और रीति-रिवाजों का पालन करना न केवल एक धार्मिक प्रक्रिया है, बल्कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।