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उपनयन मुहूर्त क्या होता है? जनेऊ मुहूर्त क्यों जरुरी है?
उपनयन यह नवम संस्कारों में से एक है इसे यज्ञोपवीत, व्रतबन्ध, उपनयन और जनेऊ आदि नामों से प्रचलित है। यह संस्कार ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य में प्रसिद्ध है जनेऊ धारण करने से पहले पूजा पाठ विधिवत्त रूप से सम्पादित करके धारण किया जाता है। हिन्दू धर्म यानी सनातन धर्म में जनेऊ धारण करना हमेशा से ही एक पवित्र परम्परा रही है इसे यज्ञोपवीत, व्रतबन्ध, उपनयन और जनेऊ संस्कार आदि के नाम से भी जाना जाता है। शादी से पहले उपनयन संस्कार होना अनिवार्य होता है साथ ही इसको सबसे महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक माना जाता है।
उपनयन या जनेऊ संस्कार प्राचीन सनातन धर्म में वर्णित दसवां संस्कार है। सनातन धर्म में विशेष रूप से ब्राह्मण समुदाय में, उपनयन या जनेऊ संस्कार एक विशेष समारोह रहा है। साथ ही उपनयन संस्कार क्षत्रिय और वैश्य में भी प्रसिद्ध है जनेऊ धारण करने से पहले पूजा पाठ विधिवत्त रूप से की जाती है और इसे सम्पादित करके धारण किया जाता है। इस समारोह में लड़के को एक पवित्र सफेद धागा पहनाया जाता है जिसे जनेऊ या यज्ञोपवीत कहा जाता है, जो उसके जीवन में एक नए अध्याय यानी युवावस्था की शुरुआत का संकेत देता है। साथ ही इस संस्कार के लिए महत्वपूर्ण तिथियों का ध्यान रखना इससे जुडी बातों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है।
उपनयन संस्कार कब करना चाहिए?
उपनयन संस्कार की हर समुदाय में उम्र अलग ही होती है। साथ ही यदि किसी कारणवश उस उम्र में बालक का जनेऊ संस्कार नहीं हो पाता है तो उसके बाद अन्य उम्र में जो की जनेऊ संस्कार के लिए सही होती है उस उम्र में जनेऊ संस्कार किया जाता है।
ब्राह्मण बालकों का जनेऊ संस्कार कब करना चाहिए?
ब्राह्मण बालक को जन्मदिन से पंचम वर्ष में या अष्टम वर्ष में उपनयन संस्कार हो जाना चाहिए।
क्षत्रिय बालकों का जनेऊ संस्कार कब करना चाहिए?
क्षत्रिय बालकों का जनेऊ संस्कार छठे या ग्याहरवें वर्ष में कर लेना चाहिए।
अगर इन वर्षों में उपनयन संस्कार नहीं हो पाएं तो उपरोक्त वर्षों को द्विगनित कर देने से मध्यांतर काल गौण अर्थात आठ से सोलहवें वर्ष तक ब्राह्मण का, ग्याहरवें से बाइसवें वर्ष तक क्षत्रिय का और बारह से चौबीसवें वर्ष तक वैश्य का जनेऊ संस्कार हो जाना चाहिए।
शुभ महीना (जनेऊ संस्कार के लिए )
चैत्र, वैशाख, आषाढ़, (देवशयनी एकादशी से पूर्वकाल तक) माघ व् फाल्गुन मास तक जनेऊ संस्कार के लिए शुभ महीने हैं।
जनेऊ संस्कार से पूर्व ध्यान रखने योग्य बातें:-
- ज्येष्ठ पुत्र के लिए ज्येष्ठ मास त्याज्य रखना चाहिए। मीनस्थ सूर्य यज्ञोपवीत के लिए शुभ कहा गया है।
- यज्ञोपवीत संस्कार के लिए वसंत ऋतू तथा अष्टम वर्ष की उत्कृष्टता इतनी है की दोनों के संयोग से जन्ममास- तिथि- नक्षत्र भी दूषित नहीं होते।
- यधपि जन्ममास यज्ञोपवीत में त्याज्य है तथापि आवश्यक होने पर जन्मदिन से दस दिन छोड़कर अन्य दिनों में संस्कार दोषपूर्ण नहीं होता है।
- अन्य मतानुसार जन्मकालिक पक्ष को छोड़कर दूसरे पक्ष में शुभ कार्य करने पर जन्ममास का दोष नहीं रहता है।
ग्राहय तिथि:– शुक्ल पक्ष की 2, 3, 5, 10, 11, 12, एवं कृष्ण पक्ष की 1, 2, 3, 5, तिथियां शुभ है।
राशि के 9वें 18वें, और 27वें, अंश में स्थित सूर्य का संचारकाल होता है) परन्तु ध्यान रहे, रोगबान, और चौरबाण का विचार रात्रि में किया जाता है। तथा उपनयन का समय तो पूर्वार्द्ध या मध्याह्न तक ही होता है। अपि च, लग्न बल की उपलब्धि में बाण विचार निरर्थक है-
नोट:- यदि संस्कारी बालक की माता रजस्वला (मासिक धर्म) हो जाये तो उसकी शुद्धि के बाद ही यज्ञोपवीत संस्कार करना चाहिए। आइए आगे २०२३ में जनेऊ संस्कार के लिए सबसे अहम और शुभ तिथियां कौन सी हैं उनके बारे में जानते हैं।
जनवरी जनेऊ संस्कार मुहूर्त 2023
जनेऊ संस्कार की तिथियां और वार | तिथि | माह और पक्ष | नक्षत्र |
---|---|---|---|
22 जनवरी 2023, रविवार | प्रतिपदा 10:27 PM तक उसके बाद द्वितीया | माघ, शुक्ल पक्ष | श्रवण |
25 जनवरी 2023, बुधवार | चतुर्थी 12:34 PM तक उसके बाद पञ्चमी | माघ, शुक्ल पक्ष | पूर्व भाद्रपद |
26 जनवरी 2023, गुरुवार | पञ्चमी 10:28 AM तक उसके बाद षष्ठी | माघ, शुक्ल पक्ष | उत्तर भाद्रपद |
30 जनवरी 2023, सोमवार | नवमी 10:11 AM तक उसके बाद दशमी | माघ, शुक्ल पक्ष | कृत्तिका |
फरवरी जनेऊ संस्कार मुहूर्त 2023
जनेऊ संस्कार की तिथियां और वार | तिथि | माह और पक्ष | नक्षत्र |
---|---|---|---|
08 फरवरी 2023, बुधवार | तृतीया 06:23 AM, Feb 09 तक | फाल्गुन, कृष्ण पक्ष | पूर्वाफाल्गुनी |
10 फरवरी 2023, शुक्रवार | चतुर्थी 07:58 AM तक उसके बाद पञ्चमी | फाल्गुन, कृष्ण पक्ष | हस्त |
22 फरवरी 2023, बुधवार | तृतीया 03:24 AM, Feb 23 तक | फाल्गुन, शुक्ल पक्ष | उत्तर भाद्रपद |
23 फरवरी 2023, गुरूवार | चतुर्थी 01:33 AM, Feb 24 तक | फाल्गुन, शुक्ल पक्ष | रेवती |
24 फरवरी 2023, शुक्रवार | पञ्चमी 12:31 AM, Feb 25 तक | फाल्गुन, शुक्ल पक्ष | अश्विनी |
मार्च जनेऊ संस्कार मुहूर्त 2023
जनेऊ संस्कार की तिथियां और वार | तिथि | माह और पक्ष | नक्षत्र |
---|---|---|---|
01 मार्च 2023, बुधवार | दशमी पूर्ण रात्रि तक | फाल्गुन, शुक्ल पक्ष | मॄगशिरा |
02 मार्च 2023, गुरूवार | दशमी 06:39 AM तक उसके बाद एकादशी | फाल्गुन, शुक्ल पक्ष | आर्द्रा |
03 मार्च 2023, शुक्रवार | एकादशी 09:11 AM तक उसके बाद द्वादशी | फाल्गुन, शुक्ल पक्ष | पुनर्वसु |
08 मार्च 2023, बुधवार | प्रतिपदा 07:42 PM तक उसके बाद द्वितीया | चैत्र, कृष्ण पक्ष | उत्तराफाल्गुनी |
09 मार्च 2023, गुरूवार | द्वितीया 08:54 PM तक उसके बाद तृतीया | चैत्र, कृष्ण पक्ष | हस्त |
22 मार्च 2023, बुधवार | प्रतिपदा 08:20 PM तक उसके बाद द्वितीया | चैत्र, शुक्ल पक्ष | उत्तर भाद्रपद |
23 मार्च 2023, गुरूवार | द्वितीया 06:20 PM तक उसके बाद तृतीया | चैत्र, शुक्ल पक्ष | रेवती |
26 मार्च 2023, रविवार | पञ्चमी 04:32 PM तक उसके बाद षष्ठी | चैत्र, शुक्ल पक्ष | कृत्तिका |
31 मार्च 2023, शुक्रवार | दशमी 01:58 AM, Apr 01 तक | चैत्र, शुक्ल पक्ष | पुष्य |
अप्रैल जनेऊ संस्कार मुहूर्त 2023
अप्रैल में कोई जनेऊ संस्कार मुहूर्त नहीं है।
मई जनेऊ संस्कार मुहूर्त 2023
जनेऊ संस्कार की तिथियां और वार | तिथि | माह और पक्ष | नक्षत्र |
---|---|---|---|
01 मई 2023, सोमवार | एकादशी 10:09 PM तक उसके बाद द्वादशी | वैशाख, शुक्ल पक्ष | पूर्वाफाल्गुनी |
07 मई 2023, रविवार | द्वितीया 08:15 PM तक उसके बाद तृतीया | ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष | अनुराधा |
10 मई 2023, बुधवार | पञ्चमी 01:49 PM तक उसके बाद षष्ठी | ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष | पूर्वाषाढा |
21 मई 2023, रविवार | द्वितीया 10:09 PM तक उसके बाद तृतीया | ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष | रोहिणी |
22 मई 2023, सोमवार | तृतीया 11:18 PM तक उसके बाद चतुर्थी | ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष | मॄगशिरा |
24 मई 2023, बुधवार | पञ्चमी 03:00 AM, May 25 तक | ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष | पुनर्वसु |
29 मई 2023, सोमवार | नवमी 11:49 AM तक उसके बाद दशमी | ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष | उत्तराफाल्गुनी |
जून जनेऊ संस्कार मुहूर्त 2023
जनेऊ संस्कार की तिथियां और वार | तिथि | माह और पक्ष | नक्षत्र |
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01 जून 2023, गुरूवार | द्वादशी 01:39 PM तक उसके बाद त्रयोदशी | ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष | स्वाती |
05 जून 2023, सोमवार | प्रतिपदा 06:38 AM तक उसके बाद द्वितीया 03:48 AM, June 06 तक | आषाढ़, कृष्ण पक्ष | मूल |
06 जून 2023, मंगलवार | तृतीया 12:50 AM, June 07 तक | आषाढ़, कृष्ण पक्ष | पूर्वाषाढा |
08 जून 2023, गुरूवार | पञ्चमी 06:58 PM तक उसके बाद षष्ठी | आषाढ़, कृष्ण पक्ष | श्रवण |
19 जून 2023, सोमवार | प्रतिपदा 11:25 AM तक उसके बाद द्वितीया | आषाढ़, शुक्ल पक्ष | आर्द्रा |
21 जून 2023, बुधवार | तृतीया 03:09 PM तक उसके बाद चतुर्थी | आषाढ़, शुक्ल पक्ष | पुष्य |
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