हिन्दू पांचांग के अनुसार सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित होते हैं। और शुक्रवार का दिन माँ वैभव लक्ष्मी और माँ संतोषी को समर्पित होता है इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा करने व् व्रत रखने का बहुत अधिक महत्व होता है।
शुक्रवार के व्रत ज्यादातर महिलाएं रखती है। इस व्रत को जातक नौ, ग्यारह, इक्कीस, इक्यावन व् अपनी इच्छानुसार कर सकता है। और उसके बाद व्रत का उद्यापन करके व्रत का समापन किया जाता है। माँ वैभव लक्ष्मी का व्रत करने की क्या विधि होती है और इस व्रत का क्या महत्व होता है आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं।
वैभव लक्ष्मी व्रत रखने का महत्व
ऐसा माना जाता है की जो भी जातक पूरे मन, विश्वास और भाव से व्रत रखता है। और अपनी मनोइच्छा को लेकर माँ वैभव लक्ष्मी का व्रत रखता है उसकी सभी इच्छाएं माँ लक्ष्मी पूरा करती है। बस माँ वैभव लक्ष्मी के ऊपर का सम्पूर्ण विश्वास होना जरुरी होता है। तो आइये अब जानते हैं की वैभव लक्ष्मी व्रत रखने के क्या फायदे होते हैं।
आर्थिक तंगी दूर होती है
माँ लक्ष्मी धन की देवी है इसीलिए यदि कोई जातक शुक्रवार का व्रत रखता है तो उसे व्रत रखने से धन सम्बन्धी समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है क्योंकि माँ लक्ष्मी उनके घर में निवास करती है।
सुयोग्य वर मिलता है
यदि कोई लड़की सुयोग्य वर पाने की इच्छा से वैभव लक्ष्मी के व्रत करती है। तो इससे लड़की को अपनी इस इच्छा को सम्पूर्ण करने में मदद मिलती है।
घर में सुख शांति रहती है
शुक्रवार का व्रत करने से घर में सुख शांति बनी रहती है, घर के सदस्यों का आपस में प्यार बना रहता है, घर से नेगेटिव एनर्जी बाहर निकल जाती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
रुके हुए काम बनते हैं
कई बार ऐसा होता है की बहुत कोशिश करने के बाद भी काम अटक जाते हैं। ऐसे में यदि आप माँ वैभव लक्ष्मी का व्रत रखते हैं और यह कामना करते हैं की आपके सभी काम बन जाएँ। तो माँ लक्ष्मी आपकी मदद जरूर करती है जिससे आपके रुके हुए कामों को सफल बनाने में मदद मिलती है।
कोर्ट कचहरी से छुटकारा
यदि आप किसी कारण कोर्ट कचहरी में चक्कर काट रहे हैं। लेकिन आपको अपनी समस्या का हल नहीं मिल रहा है। तो ऐसे में माँ लक्ष्मी का व्रत रखने से आपको अपनी समस्या का समाधान करने में मदद मिलती है।
परीक्षा में सफलता
कई बार ऐसा होता है की बच्चों का पढाई में मन नहीं लगता है ध्यान इधर उधर भटकता रहता है, आदि। तो ऐसे में माँ अपने बच्चों के लिए इस व्रत को कर सकती है क्योंकि इससे आपके बच्चों में एकाग्रता को भावना को बढ़ाने में मदद मिलती है। जिससे उन्हें परीक्षा में अपार सफलता मिलती है।
व्यापार में सफलता
यदि आपको व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है। तो आपको शुक्रवार का व्रत जरूर करना चाहिए। क्योंकि इसे माँ लक्ष्मी की कृपा आप पर बरसती है। जिससे आपके व्यापार में घाटा होने की बजाय सफलता मिलती रहती है।
संतान सुख
कुछ लोगो को बहुत कोशिश करने के बाद भी संतान सुख नहीं मिलता है। ऐसे में महिला यदि माँ लक्ष्मी के सामने पूरे श्रद्धा भाव से अर्जी लगाती है। तो इससे माँ की कृपा आप पर जरूर होती है जिससे आपको संतान सुख की प्राप्ति होती है।
मनोइच्छा होती है पूरी
इन सभी मनोकामनाओं के अलावा यदि आप अपनी किसी भी मन की इच्छा को लेकर वैभव लक्ष्मी के नाम का उपवास रखते हैं। तो इससे आपके मन की सभी इच्छाओं को पूर्ण होने में मदद मिलती है।
वैभव लक्ष्मी व्रत रखने की विधि
- वैभव लक्ष्मी का व्रत रखने वाले दिन सुबह समय उठकर नहा धोकर तैयार हो जाये और साफ़ वस्त्र धारण करें हो सकें तो इस दिन लाल रंग के कपडे पहने क्योंकि लाल रंग माँ लक्ष्मी का प्रिय होता है।
- उसके बाद शाम के समय एक आसान लगाएं ध्यान रखें की आसान ऐसा लगाएं की पूजा करते समय आपका मुँह पूर्व दिशा की और हो।
- फिर आप उस आसान पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और माँ लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना करें और चाल की ढेरी बनाकर उसपर कलश भरकर रखें।
- उसके बाद माँ लक्ष्मी को फूल, फल, अक्षत, रोली, कमलगट्टे की माला आदि अर्पित करें।
- ऐसा करने के बाद माँ लक्ष्मी को रोली लगाएं यदि आपका पहला व्रत है तो लाल कपडे में एक सिक्का बांधकर अपने मन की इच्छा को बोलते हुए माँ लक्ष्मी के चरणों में चढ़ाएं।
- उसके बाद थोड़ा खीर का प्रसाद भी जरूर बनाएं।
- यह सब करने के बाद माँ लक्ष्मी के व्रत की कथा व् आरती पढ़े और पूरा दिन माँ लक्ष्मी मन्त्र का जाप करते रहें।
- फिर खीर का भोग लगाकर खुद भी ग्रहण करें और सभी में वितरित करें।
- व्रत के दिन आप पूरे दिन में कभी भी फलाहार ले सकते हैं और एक समय सात्विक आहार का सेवन भी कर सकते हैं।
ध्यान रखें:
यदि महिला को पीरियड्स आये हुए हैं तो महिला को व्रत नहीं करना चाहिए और वह व्रत अगले शुक्रवार को रखना चाहिए।
तो यह है वैभव लक्ष्मी व्रत रखने की विधि व् व्रत का महत्व, यदि आप भी अपनी किसी मनोइच्छा को लेकर इस व्रत को करना चाहते हैं। तो आप भी इस व्रत को कर सकते हैं लेकिन ध्यान रखें की मन में विश्वास व् भाव का होना बहुत जरुरी होता है क्योंकि देवी देवता आपके भाव को देखते हैं।